मनोहर पर्रिकर ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, शपथग्रहण की तारीख तय होने पर छोड़ेंगे रक्षामंत्री का पद


पणजी/नई दिल्‍ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गोवा के राज्‍यपाल से मुलाकात कर राज्‍य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है. हालांकि उन्‍होंने फिलहाल रक्षामंत्री के पद से इस्‍तीफा नहीं दिया है और शपथग्रहण की तारीख तय होने के बाद वो यह पद छोड़ेंगे. पहले मीडिया में ऐसी खबरें आई कि पर्रिकर ने रक्षामंत्री के पद से इस्‍तीफा दे दिया है लेकिन बाद में नितिन गडकरी ने स्थिति स्‍पष्‍ट करते हुए बताया कि शपथग्रहण की तारीख तय होने के बाद ही पर्रिकर रक्षामंत्री का पद छोड़ेंगे.

रविवार शाम गोवा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में पर्रिकर को मुख्‍यमंत्री बनाने के फैसले पर मुहर लगी. सूत्रों के अनुसार पर्रिकर ने राज्‍यपाल से मुलाकात कर गोवा में सरकार बनाने का दावा भी पेश किया है. पर्रिकर ने 21 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. विधायकों के समर्थन का पत्र लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ पर्रिकर राजभवन पहुंचे.

गौरतलब है कि बीजेपी को समर्थन देने के लिए तैयार महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) ने शर्त रखी थी कि अगर मनोहर पर्रिकर को गोवा का मुख्‍यमंत्री बनाया जाएगा तभी वो समर्थन देगी.

MGP के नेता सुधीर ढवलीकर ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा था कि वे बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए तभी समर्थन दे सकते हैं जब रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को गोवा के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी जाए. MGP के 3 विधायक चुनकर आए हैं. ढवलीकर गोवा में मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे. उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को ख़त लिखकर अपनी बात स्पष्ट कर दी थी.


गोवा में बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए 9 विधायकों की जरूरत है. ऐसे में अपने पुराने सहयोगी MGP का मिलता समर्थन नकारने का मतलब होगा कि बीजेपी सत्ता की दौड़ से दूर हो जाए. ढवलीकर के मनोहर पर्रिकर और बीजेपी से बरकरार रिश्तों में खटास तब आयी जब लक्ष्मीकांत पार्सेकर को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया. पार्सेकर द्वारा MGP के मंत्रियों के ख़िलाफ़ दिए बयान के बाद MGP ने BJP सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद MGP ने शिवसेना और गोवा सुरक्षा मंच के साथ गठजोड़ कर बीजेपी को चुनौती दी. इस गठबंधन की 3 सीट पर ही जीत हुई है. उनके समर्थन से बीजेपी 13 से 16 तक तो पहुंच जाएगी.

MGP के अलावा गोवा फॉरवर्ड भी मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व को लेकर सकारात्मक है. इस गुट के पास भी 3 विधायकों का संख्याबल है. गुट के नेता विजय सरदेसाई ने गोवा में मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस के मुकाबले पर्रिकर अच्छे व्यक्ति हैं. कांग्रेस ने गोवा फॉरवर्ड के उम्मीदवारों को प्रताड़ित किया है. ऐसे में कांग्रेस को समर्थन देना कैसे मुमकिन होगा? गोवा फॉरवर्ड के भी समर्थन से बीजेपी बहुमत के और करीब पहुंच जाएगी और उसके पास 19 विधायकों का समर्थन हो सकता है.

गोवा में अब 3 निर्दलीय विधायक हैं. इनमें रोहन खंवटे, गोविन्द गावड़े और प्रसाद गांवकर शामिल हैं. इनके रुख पर सबकी नजरें टिकी हैं. इनमें से सेव गोवा फ्रंट के प्रसाद गांवकर को बीजेपी ने समर्थन दे कर चुनाव में उतारा है और जिससे बीजेपी गठबंधन का आंकड़ा 20 तक पहुंच रहा है. जबकि बाकी बचे 2 निर्दलीयों में से रोहन खंवटे पर कांग्रेस ने अपना दांव लगाया है. गोवा प्रभारी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि रोहन खंवटे की कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाक़ात हो चुकी है और वे कांग्रेस के साथ रहेंगे. हालांकि, रोहन खंवटे और एनसीपी के 1-1 विधायक के समर्थन के बाद भी बीजेपी गठबंधन के मुकाबले कांग्रेस गठबंधन 1 विधायक पीछे है.

ऐसे में, अगर बीजेपी को गोवा में सरकार बनानी है तो, केंद्रीय मंत्रीमंडल में फेरबदल कर, मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी से मुक्त करना होगा. साथ में उन्हें 6 महीने के भीतर गोवा विधानसभा का सदस्य बनाना होगा. जिसके लिए वर्तमान विधायक का इस्तीफ़ा जरूरी है. कुल मिलाकर, गोवा में अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए बीजेपी को काफ़ी सियासी पापड़ बेलने होंगे.

Comments

Popular posts from this blog

क्या आप जानते हैं - कटपयादि सांख्य

Marathi Folk Song ‘Sonu Tuza Mazyavar Bharosa Nahi Kay’ is the New Social Media Trend!

सहारनपुर हिंसा: इंटेलिजेंस ने सीएम योगी को सौंपी रिपोर्ट, ‘भीम आर्मी से माया के भाई और BSP के संबंध’