योगी आदित्यनाथ के बारे में जानिए, आखिर कौन हैं योगी

 पूर्वांचल में गहरी पैठ रखने वाले योगी आदित्यनाथ (अजय सिंह) कट्टर हिन्दुत्व की छवि रखते हैं. हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक आदित्यनाथ तमाम हिन्दू संगठनों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं. दस वर्षों से अधिक समय तक वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे.



राजपूत परिवार से आनेवाले योगी आदित्यनाथ ने स्नातक (विज्ञान) की उपाधि एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से ली.

12वीं लोकसभा में योगी आदित्यनाथ सबसे कम उम्र के सांसदों में शामिल थे. उस वक्त उनकी उम्र महज 26 साल थी.

आदित्यनाथ 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए.

वर्तमान में वे गोरखपुर से सांसद होने के साथ ही गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं.

12 सितंबर 2014 को महंत अवैद्यनाथ की मृत्यु के बाद आदित्यनाथ को यह पद सौंपा गया.

योगी आदित्यनाथ ने नाथ सम्प्रदाय के मद्देनजर 14 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर का निर्माण करवाया.

पाकिस्तान पर किया था हमला

पठानकोट स्थित भारतीय वायु सेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद 3 जनवरी 2016 को योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान पर करार हमला करते हुए कहा था, 'पठानकोट हमले से यह साबित होता है कि पिशाच बदल कर बेहतर हो सकता है, लेकिन पाकिस्तान नहीं.'


सूर्य नमस्कार न करने वाले देश छोड़ दें

9 जून 2015 को योगी आदित्नाथ ने एक घोषणा करते हुए कहा कि जो सूर्य-नमस्कार (योग का एक हिस्सा) का विरोध करते हैं, वे देश छोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा, 'उनलोगों से जो सूर्य भगवान को भी सांप्रदायिक नजरिए से देखते हैं, मेरा नम्र निवेदन है कि वे खुद को समंदर में डुबोने का काम कर रहे हैं या फिर ऐसे लोग अपनी बाकी जिंदगी एक अंधेरे कमरे में गुजारेंगे.'

धर्म-परिवर्तन का आरोप

योगी आदित्यनाथ 2005 में उस वक्त विवादों में आए जब उनपर कथित रूप से धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के इटावा में 1800 ईसाईयों का धर्म-परिवर्तन कर उन्हें हिन्दू बनाया गया.

असहिष्णुता विवाद

मीडिया में असहिष्णुता पर चल रहे विवादों के दौरान योगी आदित्यनाथ ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की तुलना पाकिस्तान के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद से की थी.

उन्होंने कहा था, शाहरुख खान को यह याद रखना चाहिए कि इस देश की बहुसंख्यक आबादी ने उन्हें (शाहरुख खान को) स्टार बनाया है और अगर वे लोग (बहुसंख्यक आबादी) उनकी (शाहरुख खान) फिल्मों का विरोध करते हैं तो वे (शाहरुख खान) भी फुटपाथ पर भटकते नजर आएंगे. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शाहरुख खान, आतंकी हाफिज सईद की तरह बोल रहे हैं.

Comments

Popular posts from this blog

क्या आप जानते हैं - कटपयादि सांख्य

Marathi Folk Song ‘Sonu Tuza Mazyavar Bharosa Nahi Kay’ is the New Social Media Trend!

सहारनपुर हिंसा: इंटेलिजेंस ने सीएम योगी को सौंपी रिपोर्ट, ‘भीम आर्मी से माया के भाई और BSP के संबंध’